Sunday 19 March 2017

The true friend

एक बार एक समय पर अंकित और हिमांशु नामक दो लड़के दोनों अच्छे दोस्त थे और बड़े हो गए और उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा एक साथ पूरी कर ली। वे दोनों नौकरी की खातिर विभिन्न देशों में जा रहे थे, इसलिए उन्होंने पिछली बार एक रेस्तरां में मिलने का फैसला किया। रेस्तरां में दोनों ने यह शर्त लगाई कि 10 साल बाद वे दोनों एक ही जगह मिलेंगे और फिर वे देखेंगे कि कौन अधिक सफल है

समय बीत गया और दिन आया जिस पर उन्हें बूथ मिले। दिसम्बर दिसम्बर के महीने में घड़ी 10: उ.पू. रेस्तरां के दरवाज़े पर एक व्यक्ति जो अधिक कोट पहन रहा था इंतजार कर रहा था। उस पर एक हल्का गिरावट जब उन्होंने देखा कि एक पुलिसवाले उसके पास आ रहा था। पुलिस ने उस आदमी से पूछा

पुलिस-आप कौन हैं?

उस आदमी-सर, मैं किसी व्यापारी का इंतजार कर रहा हूं

पुलिस-जिसके लिए आप प्रतीक्षा कर रहे हैं?

वह आदमी- मेरे दोस्त के लिए

पुलिस-यह रात में यहां सुरक्षित नहीं है, अब आपको जाना चाहिए

उस आदमी-सर, मैं अपने दोस्त का इंतजार करने के बाद चलेगा

पुलिसकर्मी वहां से निकलते हैं, कुछ समय बाद उस व्यक्ति ने एक और व्यक्ति को उसके पास आते देखा था.वह इंतज़ार कर रही व्यक्ति ने झिझक में कहा, क्या तुम अमित हो?

जवाब उनके पास आया हाँ था।

फिर उन्होंने बात की और उनके भोजन का आनंद लिया।

बातचीत में अंकित ने उस व्यक्ति से पूछा कि वह हिमांशु कौन है

हिमांशु-मैं एक सोने के व्यापारी हूं और आप

अंकिट-बस एक छोटी कंपनी के प्रबंधक

वार्तालाप जारी रखा और बातचीत में हिमांशु को एहसास हुआ कि जिस व्यक्ति को वह सोचते हैं वह अंकित अंकित नहीं है और उसने उनसे बहुत कठोर तरीके से पूछा कि आप कौन हैं

सुनवाई के बाद उसने हीनशु के कूद गए और उसे कैश किया। वह एक पुलिसकर्मी था और उन्होंने उसे एक नोट दे दिया और हियशू ने इसे नोट में लिखा

नमस्कार हिमांशु, मैं अनीत हूं और मैं आपसे मिलकर आ गया, मैंने तुमसे देखा पुलिस कर्मचारी था, जब मैंने तुम्हें देखा तो मुझे अपने दोस्त के बदले सबसे ज्यादा वांछित तस्कर मिला। मेरे लिए अपने ही दोस्त को पकड़ना बहुत ही मुश्किल था इसलिए मैं तुम्हें छोड़ने के लिए इस अधिकारी को भेजता हूं।

__समाप्त__

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